हम जायेंगे वन दोनोँ भाई, तुम जाओ अवध रघुराई ! राम-भरत की सुन्दर रागनी ...

हम जायेंगे वन दोनोँ भाई, तुम जाओ अवध रघुराई ! राम-भरत की सुन्दर रागनी ...